जिंदगी में सफलता कैसे हासिल करें
jindangi me safalata kaise hasil kar
दोस्तों आप सभी अपने जिन्दंगी में सफल होना चाहते हो , तो आप एक सही
रास्ते की और आ गए है। क्युकी बहोत से लोग अपने जीवन में सफल नहीं हो पाते है। सभी को अपने जीवन में सफल होना है , बिलकुल सही है क्योकि हर किसी को अपने सपनो को नहीं तो अपने माता - पिता , दोस्तों , रिस्तेदारो का सपना पूरा करना होता है। लेकिन अक्सर कहा जाता है , की जितनी बड़ी सफलता उतना ही बड़ी रिस्क होती है।
दोस्तो, हमें लगता है, की हम जैसे लोग दुनिया में सफल नहीं हो सकते हैं, अपने जीवन में सफल होना है मेरा काम नहीं है ऐसे बहुत से लोग सोचते हैं। क्या यह सच में सही है की, हमारे जैसे गरीब लोग सपने नहीं देख सकते हैं, क्या हमारा जीवन जिन का कोई लक्ष्य नहीं होता है।दोस्तो क्या आप ने कभी सोचा है। नहीं ना तो आज से आप सोचना शुरू कर देंगे और अपने जीवन में अभी सफल होंगे।
दोस्तो हर किसी के जीवन में समस्या आती है। हर किसी को उसका सामना करना होता है। हमें अक्सर ऐसा लगता है कि यह कटिनैया सिरफ मेरे ही जीवन में है। और ऐसे हलत में हम खुद को नाकामियाब समझते हैं। और खुद के नजरो में गिर जाते हैं। दोस्तो क्या आपको में सबी परशानियों से बचना है, आप ऐसे वक्त में क्या कर सकते हैं, जिनसे आप कुछ पढ़ कर अपने मंजिल तक पाहोच जाएंगे .
दोस्तो, हर किसी के सपने अलग हो सकते हैं। किसी को अपने जॉब में प्रमोशन, किसी को मकान लेना है, किसी को गाड़ी लेनी है हर बंदे की पसंद अलग होती है इसिलिए हम हमारा पुरा फोकस हमारे गोल पर चाहिए। है की इस बार तो "हमारी नैया पार होना ही होना है"।
दोस्तो जाने हम सफलता और आसफलता के अपने अपने खुद से परिभाषा बना लेते हैं। किसी
को लगता है मुझे आईटी कंपनी में अच्छी सैलरी वैरी जॉब लग गई में जीवन में सफल हो
गया, तो किसी ने सरकारी परीक्षा की 3 साल की तैयारी करने के बाद उसका चयन नहीं हो
पाया तो वह आसफलता का कारण हम में कोई किमी होगा का उपयोग सुधार करने की
जरूरत है - "दोस्तो आप ने अल्बर्ट आइंस्टीन की कहानी सुनी ही होगी की उनको स्कूल से
निकला दिया था, क्योंकि उनके शिक्षक ने उनकी माता से कहा की "तुम्हारा बच्चा पागल है,
इसलिये हम आप के बच्चे को स्कूल से निकल दिया रहा है", उनी माता जी ने घर आकर
कहा की, बेटा तुम्हारे टीचर ने कहा है की तू वकाई में तुम बहुत ही ज्यादा इंटेलिजेंट हो।
दोस्तो न जाने हम सफल और आसफलता के अपने अपने आने से परिभाषा बना।वह आसफलता का कारण हम में कोई कामिया होगा का कामिया
सुधार करने की जरूरत है - "दोस्तो आप ने अल्बर्ट आइंस्टीन की कहानी सुनी ही होगी की
उनको स्कूल से निकला दिया था, क्योंकि उनके शिक्षक ने उनकी माता से कहा की "तुम्हारा
बच्चा पागल है, इसलिये हम आप के बच्चे को स्कूल से निकल दिया रहा है", उनी माता जी ने
घर आकर कहा की, बेटा तुम्हारे टीचर ने कहा है की तू वकाई में तुम बहुत ही ज्यादा इंटेलिजेंट हो।
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