नमस्कार दोस्तों आज में आपसे मेरे बारे मेँ कुछ  अनोखी  बातें बताना चाहती हूँ।  मेरे बारे में बताने से पहले में आपको मेरा नाम बताना पसंद करुँगी।  मेरा नाम विनीता माली है, और में जलगांव जैसे बड़े शहर के छोटे गाँव "रवांजें " से  हु।  में अब कक्षा बरवाह १२ वी  में हु।  मुझे  बचपन से साहित्य के क्षेत्र में रूचि होने के कारन मैंने दसवीं के बाद कला शाखा में  एडमीशन लिया।  ऐसा बिलकुल नहीं था की ,  मुझे पढ़ाई में रूचि नहीं थी , दसवीं में कम अंक मिले।  में खुद के बारे में आपके सामने दिखावा के  लिए  यह बातें आपसे कह नहीं हु ,  बल्कि आप मेरे इस बातों से कुछ तो अच्छा ले सकते हो।  दसवीं कक्षा में मुझे ८६ अंक मिले और में हमारे "गौरी शंकर विद्यालय "से द्वितीय क्रमांक से पास हुई थी।  मुझे बचपन से मैथ और साइंस में रूचि नहीं थी ,  लेकिन बहोत मेहनत करने के बाद में उस विषय में अच्छी अंको से पास हो जाती थी।  



मुझे हर टोपर स्टूडेंट जैसा डॉक्टर , इंजीनियरिंग नहीं करनी थी , क्यों की में हमेशा सभी से अलग थी।  मुझे  एक  महान लेखक और कवी बननी  थी ।  में जब कक्षा ८ वि में थी तब से ही मैंने कविता लिखना  शुरू कर दिया था।  मुझे हमेशा इस क्षेत्र में जाने के लिए मेरी बहन ने मुझे सपोर्ट किया।  आज भी मुझे मेरे ऊपर विश्वास है की , में  एक अच्छी कवी बन सकती हूँ। मेरे इस विषय में रुचि होने के कारन मैंने "विनीता माली " नामक ब्लॉग से शुरुआत की और आप जैसे दोस्तों के सहारे ही  यह संभव हो सकता है।  



मेरे इस ब्लॉग में मोटिवेशनल लाइन्स ,  मेरे कुछ थॉट और महान लोगो की जीवनयात्रा में आपसे शेयर करना चाहती हु।  ऐसा अकसर कहा जाता है की "अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनांत उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है। मुझे मेरे इस  ब्लॉग्गिंग के सफर में आप जैसे महान लोग मिले इस बात का मुझे गर्व है।  हमारे भारतीय संस्कृति में कहते है की, "अतिथि देव भव् " आप मेरे लिए भगवान के तरह है। तुम्हे मेरा ब्लॉग कैसा लगा , यह जरूर कमेंट बॉक्स में बताए ,  आपके इस कमेंट का स्वागत है। धन्यवाद।